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झिंझाना के ठाकुरद्वारा में सत्संग का रविवार को पांचवां दिन

झिंझाना। स्वामी स्वरूपानंद गिरी महाराज ने कहा कि जीवन में तनाव मुक्त रहने के लिए इंसान का व्यवहार और उसके कर्म सर्वोपरि होते हैं। तनाव मुक्त जीवन ही स्वर्ग के समान होता है। आधुनिकता और भौतिक सुख प्राप्ति के लिए इस युग में चल रही थी प्रतिस्पर्धा अच्छे इंसान को तनाव ग्रस्त कर देती है और इंसान पूरी जिंदगी भागदौड़ में फंसकर भगवान को भूल जाता है।

कस्बे के मंदिर ठाकुरद्वारा में चल रहे सत्संग के पांचवें दिन स्वामी स्वरूपानंद गिरी महाराज ने जनजीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने तनावमुक्त रखने के तरीके बताए। महाराज ने कहा कि इंसान का आधार सतोगुणी होना चाहिए। सात्विक भोजन, सात्विक विचार, मीठा बोलना, मीठा व्यवहार करना, भौतिकवादी सुखों की तरफ कम भागना, अपने व्यस्त समय में से थोड़ा समय भक्ति में देना, अपनी कमाई के दसवें हिस्से का दान देना और मन में दया व क्षमा का भाव रखना, किसी की निंदा ना करना, दूसरे के गुणों को स्वीकार करना आदि भाव रखने से भगवान खुश रहते हैं। ऐसे इंसान कभी तनाव में नहीं रखते हैं। इस अवसर पर राकेश शर्मा, डॉ. अशोक विश्वास, डॉ. मधुसूदन बंगाली, नीरज मित्तल, गोपाल मित्तल, रामदयाल सैनी, आनंद मोहन, नरेश चंद शर्मा, विपिन, ईश्वर नारंग, ललित मित्तल, राहुल सैनी आदि मौजूद रहे

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