शामली के कैराना में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी: अभिभावकों की परेशानी

शामली के कैराना में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस ने अभिभावकों को परेशान कर दिया है। एडमिशन फॉर्म की कीमत 500 रुपये से लेकर एडमिशन के लिए 50,000 रुपये तक की मांग की जा रही है, जिससे अभिभावक आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।

अभिभावकों की शिकायत अभिभावकों ने श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष ब्रह्मचारी आशुतोष महाराज से मिलकर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि शिक्षा माफिया स्कूलों में काम कर रहे हैं, जो एडमिशन के लिए मोटी रिश्वत की मांग करते हैं।

शिक्षा माफिया की भूमिका

अभिभावकों ने बताया कि शिक्षा माफिया पहले एडमिशन फॉर्म देते हैं, फिर एग्जामिनेशन कराते हैं और अंत में पास होने पर मोटी रिश्वत की मांग करते हैं। इससे अभिभावकों को परेशानी हो रही है और वे अपने बच्चों की शिक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

ब्रह्मचारी आशुतोष महाराज का आश्वासन

ब्रह्मचारी आशुतोष महाराज ने अभिभावकों को आश्वासन दिया है कि वे शिक्षा मंत्री से मिलकर इस समस्या का हल निकालने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की फीस की जांच की जाएगी और मनमानी करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अभिभावकों की मांग

अभिभावकों ने मांग की है कि प्राइवेट स्कूलों की फीस की जांच की जाए और छात्रों को अच्छे और उचित शैक्षणिक माहौल में पढ़ाई करने का मौका मिले। अब देखना यह है कि प्रशासन इस समस्या का समाधान करने के लिए क्या कदम उठाता है।

क्या होगा आगे।

अब देखना यह है कि प्रशासन प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस पर अंकुश लगाने के लिए क्या कदम उठाता है। क्या शिक्षा मंत्री से मिलने के बाद ब्रह्मचारी आशुतोष महाराज की कोशिशें रंग लाएंगी? या फिर अभिभावकों को और इंतजार करना होगा? [1]

समाधान की उम्मीद

अभिभावकों को उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही इस समस्या का समाधान करेगा और प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस पर अंकुश लगाएगा। इससे छात्रों को अच्छे और उचित शैक्षणिक माहौल में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा और अभिभावकों को आर्थिक संकट से मुक्ति मिलेगी।

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